Monday, February 19, 2024

आन लाईन न्यूज “अमर उजाला’’ में प्रकाशित खबर Hathras News: हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया ट्रैक्टर, करंट से हुई चालक की मौत के सम्बन्ध में |

सेवा में,
     श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
     राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
     नई दिल्ली|

विषय- आन लाईन न्यूज “अमर उजाला’’ में प्रकाशित खबर Hathras News: हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया ट्रैक्टर, करंट से हुई चालक की मौत के सम्बन्ध में |
महोदय,
मै आपका ध्यान आन लाईन न्यूज “अमर उजाला’’ में प्रकाशित खबर Hathras News: हाईटेंशन लाइन की चपेट में आया ट्रैक्टर, करंट से हुई चालक की मौत की ओर आकृष्ट कराना चाहूँगा| जिनका लिंक संलग्नक है:-
https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/hathras/tractor-driver-dies-after-being-electric-current-in-tractor-from-high-tension-line-2024-02-17

किसान ट्रैक्टर लेकर खेत की ओ जा रहा था। घर के नजदीक झूलती हुई हाईटेंशन लाइन की चपेट में ट्रैक्टर आ गया। करंट से ट्रैक्टर चालक गंभीर रूप से झुलस गया। ग्रामीणों ने उन्हें करंट मुक्त कराया। घायल हालत में उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने लगे। रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
हाथरस जनपद में कोतवाली मुरसान क्षेत्र के खुटीपुरी जाटान में 17 फरवरी की दोपहर को ट्रैक्टर लेकर जा रहे किसान की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। मुरसान कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। 
गांव खुटीपुरी जाटान निवासी 42 वर्षीय वीरी सिंह पुत्र किशोरी लाल दोपहर को ट्रैक्टर लेकर खेत की ओ जा रहे थे। घर के नजदीक झूलती हुई हाईटेंशन लाइन की चपेट में ट्रैक्टर आ गया। करंट से ट्रैक्टर चालक वीरी सिंह गंभीर रूप से झुलस गए। मंजर देख ग्रामीणों ने सूझबूझ से उन्हें करंट मुक्त कराया। घायल हालत में उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने लगे। रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया। जानकारी होने पर कोतवाली पुलिस भी मौके आ गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
अत: महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त गम्भीर मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जाँच करे| जिससे मृतक के परिवार को न्याय और उचित मुआवजा मिल सके|

भवदीय 


(लेनिन रघुवंशी)
  संयोजक

आन लाईन न्यूज ‘’पब्लिक ऐप ‘’में प्रकाशित खबर बेल्थरा रोड: हिस्ट्रीशीटरके दबाव में पुलिस ने तेलमा जमालुद्दीन गाव मे रुकवा दिया निर्माण,अब 17 को आने का सुनाया फरमान’’के सम्बन्ध में

सेवा में,                       19 फरवरी 2024 
   श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
   राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
   नई दिल्ली|
विषय- आन लाईन न्यूज ‘’पब्लिक ऐप ‘’में प्रकाशित खबर बेल्थरा रोड: हिस्ट्रीशीटरके दबाव में पुलिस ने तेलमा जमालुद्दीन गाव मे रुकवा दिया निर्माण,अब 17 को आने का सुनाया फरमान’’के सम्बन्ध में 
महोदय, 
   मै आपका ध्यान आन लाईन न्यूज ‘’पब्लिक ऐप ‘’में प्रकाशित खबर बेल्थरा रोड: हिस्ट्रीशीटर के दबाव में पुलिस ने तेलमा जमालुद्दीन गाव मे रुकवा दिया निर्माण,अब 17 को आने का सुनाया फरमान’’ की ओर आकर्षित कराना चाहूँगा| जिनका लिंक संलग्नक है-https://public.app/video/sp_1b0rjuymlyn28?share=true

विदित हो कि बलिया जिला के उभाव थानान्तर्गत तेलमा जमालुद्दीनपुर गाव के हिस्ट्रीशीटर शौकत अली अंसारी के दबाव में रंजित वर्मा के निर्माणाधीन मकान को रुकवा दिया गया| जबकि उनका न्यायालय में कोई भूमि विवाद नही है| जिस पर रंजित वर्मा अपने भाई के साथ मंगलवार को उभाव थाना पहुचकर पुलिस से  तीसरी मदद की गुहार लगायी| लेकिन पुलिस अब उन्हें 17 फरवरी को आने की बात कहकर लौटा दिया| 
पीड़ित भाइयो ने बताया की पहले बाइक से डायल 112 न०- की पुलिस मौके पर भूस्वामी को जमकर हडकाया| धन उगाही भी करनी चाही लेकिन सफलता नही मिली| तो उसे कई बार थाने पर बुलाकर परेशान किया गया|और अब 17 फरवरी तक निर्माण न करने का सुना डाला जबकि उसके निर्माण पर अडंगा डालने वाले का थाने पर कही अता पता नही रहता है| रंजित वर्मा ने बताया की वह बेकरी बिस्किट की सप्लाई का काम करता है|जबकि उसका भाई नौकरी करते है| दोनों भाई मिलकर चहारदिवारी का निर्माण करा रहे थे| जिसे पुलिस ने दस फरवरी जबरन काम बंद करा दिया| पीड़ित भाइयो का आरोप है कि पुलिस को पैसा न देने की वजह से उन्हें परेशान किया जा रहा है|
अत: महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त मामले को संज्ञान में लेकर आरोपियों के खलाफ त्वरित कार्यवाही करे| जिससे पीड़ित परिवार को पुलिस द्वारा दी जा रही यातना से छुटकारा मिले तथा उनका मानवाधिकार सुरक्षित रहे|
भवदीय

(लेनिन रघुवंशी)
(संयोजक)

Sunday, February 18, 2024

आन लाईन न्यूज ‘’दैनिक भास्कर’’ में प्रकाशित भास्कर ‘’चाईबासा में डायन बताकर परिवार के 4 लोगों की हत्या:हाथ-पैर बांधकर पीटा, फिर काट डाला; सुसाइड बताने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंका’’ के सम्बन्ध में

सेवा में,                                   18 फरवरी 2024 
  श्रीमान अध्यक्ष महोदय,
  राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
  नई दिल्ली|
विषय- आन लाईन न्यूज ‘’दैनिक भास्कर’’ में प्रकाशित भास्कर ‘’चाईबासा में डायन बताकर परिवार के 4 लोगों की हत्या:हाथ-पैर बांधकर पीटा, फिर काट डाला; सुसाइड बताने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंका’’ के सम्बन्ध में 
महोदय,
    मै आपका ध्यान आन लाईन न्यूज ‘’दैनिक भास्कर’’ में प्रकाशित भास्कर ‘’चाईबासा में डायन बताकर परिवार के 4 लोगों की हत्या:हाथ-पैर बांधकर पीटा, फिर काट डाला; सुसाइड बताने के लिए रेलवे ट्रैक पर फेंका’’की ओर आकर्षित कराना चाहूँगा| जिनका लिंक संलग्नक है- https://www.bhaskar.com/local/jharkhand/chaibasa/jagannathpur/news/murder-of-parents-and-two-innocent-children-by-calling-them-witches-132602759.html?_branch_match_id=1287632826897233964&utm_campaign=132602759&utm_medium=sharing&_branch_referrer=H4sIAAAAAAAAA8soKSkottLXT0nMzMvM1k3Sy8zT   
विदित हो कि हाटगम्हरिया थाना क्षेत्र के नुरदा गांव के तुंगबासा बस्ती में डायन बताकर आदिवासी परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। मृतकों में माता-पिता, तीन साल की बच्ची और आठ महीने का बच्चा शामिल है। हत्या के बाद सभी शवों को रेल पटरी पर फेंक दिया गया। 
शनिवार सुबह चक्रधरपुर रेल मंडल के केंदपोसी-तालाबुरू के बीच चारों क्षत-विक्षत शव बरामद हुए। महिला और दो बच्चों के शव पोल संख्या 343/13-13 ए की बीच मिले। वहीं पुरुष का सिरकटा शव दो किलोमीटर दूर पोल संख्या 340/23 और सिर पोल संख्या 340/22 के बीच मिला।
अत: महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त गम्भीर मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जाँच करते हुए आरोपियों के खिलाफ गम्भीर धाराओ में मुकदमा पंजीकृत करे| जिससे पीड़ित परिवार को न्याय और मुआवजा मिल सके|
भवदीय 

(लेनिन रघुवंशी)
(संयोजक)

Wednesday, February 22, 2023

Five thousand rupees compensation to the victim, Loknath from Odisha

                    About Victim

Victim NameLOKNATHGenderMale
ReligionUnknownCastUnknown
AddressNILGIRI BALASHOR ODISHA
DistrictBALASOREStateODISHA

     Details in National Human Rights Commission (NHRC)

Diary No5493/IN/2022SectionM-1
LanguageENGLISHModeHRCNET/ONLINE
Received Date08/04/2022Complaint Date08/04/2022

The NHRC has received a complaint from Dr. Lenin Raghuvanshi, a human rights activist from Varanasi, Uttar Pradesh alleging that in Balasore district of Odisha, a journalist Loknath Dalai was severely beaten up by the police and he is being treated in a hospital. He has also alleged that the victim has been tied with the bed by the police. The complainant has requested the Commission to intervene into the matter.

After considering the report received from the concerned authority, the Commission invited comments from the complainant. The letter to the complainant was issued on 10.8.2022 through email, however, no comment has been received from the complainant.

As per the report, FIR No. 146/2022 was registered u/s 341/323/294 and other relevant sections of the IPC at PS Nilagiri against Niranjan Rana. During the investigation, the complainant as well as the witnesses was examined. The accused Loknath was arrested as per provisions of 41 Cr.P.C. All procedures for medical examination were complied with. It is further submitted that the accused was arrested as per the procedure. However, there was no instructions from any superior officer, either orally or in writing to Havildar C.R. Singh and the guard party to put handcuffs to the accused Loknath. After the preliminary enquiry, Havildar C.R. Singh has been placed under suspension. The accused Loknath was discharged from DHH, Balasore on 11.4.2022. As it has been admitted in the report submitted by the concerned authority that the accused Loknath was handcuffed by Havildar C.R. Singh without any oral or written order from the superior authority and departmental proceeding have been initiated against him.

In the opinion of the Commission, violation of human rights of the victim has been prima facie made out and the State is vicariously liable for the acts of negligence of its servants and is liable to pay monetary compensation to the victim.

Issue notice u/s 18(a) of Protection of Human Rights Act, 1993 to Government of Odisha through its Chief Secretary, to show cause notice as to why the Commission should not recommend monetary relief of Rs. 5,000/- (Rs. five thousand only) to the victim Loknath.

Response within four weeks positively.

Friday, January 27, 2023

उड़ीसा HC ने NHRC के आदेश के खिलाफ सरकार की याचिका खारिज कर दी

 https://jantaserishta.com/local/odisha/orissa-hc-dismisses-govt-plea-against-nhrc-order-1949936

उड़ीसा उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के आदेश के खिलाफ हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जहां उसने राज्य सरकार को कटक और खुर्दा के विभिन्न हिस्सों में मारे गए 40 व्यक्तियों में से प्रत्येक के परिवार को 1.5 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था। जिले में जहरीली शराब का सेवन कर रहे हैं।

जहरीली शराब त्रासदी फरवरी 2012 में हुई थी। मानव अधिकार जन निगरानी समिति (उत्तर प्रदेश) के शासी बोर्ड के सदस्य रागिब अली की याचिका पर एनएचआरसी ने 11 फरवरी, 2015 को आदेश जारी किया था। लेकिन राज्य सरकार ने अगस्त 2015 में इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति एम एस रमन की खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, "अदालत ने नोट किया कि अन्यथा भी आकस्मिक मृत्यु के लिए, राज्य सरकार द्वारा आमतौर पर 1,50,000 रुपये की अनुग्रह राशि का भुगतान किया जाता है। एनएचआरसी ने स्वयं नोट किया कि न्यायमूर्ति नायडू आयोग ने पीड़ितों के परिवारों को ऐसी राहत के भुगतान की सिफारिश पहले ही कर दी है। नतीजतन, अदालत हस्तक्षेप करने के लिए राजी नहीं है। ईंट भट्ठा श्रमिकों की अवैध शराब से हुई मौतों के बाद उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एएस नायडू को जांच आयोग नियुक्त किया गया था। इस घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया और आबकारी मंत्री एयू सिंहदेव को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना पड़ा।

जस्टिस एएस नायडू जांच आयोग ने अप्रैल 2013 में अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें पुष्टि की गई कि 41 लोगों की मौत जहरीली शराब युक्त दूषित औषधीय तैयारी के सेवन से हुई थी। आयोग ने 40 मृतकों के परिवारों को मुआवजे के रूप में 1.5 लाख रुपये के भुगतान की सिफारिश की थी, हालांकि 41 लोगों की मृत्यु हो गई थी। त्रासदी। आयोग मृतकों में से एक को नुकसान का भुगतान करने के लिए इच्छुक नहीं था क्योंकि वह नकली शराब के अवैध विक्रेताओं में से एक था। राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार किया, लेकिन पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा नहीं देने का फैसला किया। क्रेडिट : newindianexpress.com